यस आई एम
यह कहानी सिर्फ मनोरंजन के लिए लिखी गई है इसलिए इसे कहानी के तरीके से ही पढ़े। इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नही है। अगर कोई इस थीम पर कहानी लिखना चाहता है तो सबसे पहले मुझ से संपर्क करे अन्यथा की स्थिति में कॉपीराइट लगना तय है। कोई इंस्प्राइर हो कर लिखना चाहता है तो मुझे इसका क्रेडिट अवश्य दे। इस थीम या कहानी से रिलेटेड कोई सीन कॉपी करता है, डेफिनेटली आई विल टेक एक्शन अग्निस्ट हिम/ हर।
Be careful
Be safe
धन्यवाद 🙏🏻
जरुरी सूचना—एडिटिड एंड बेस्ट वर्जन ऑफ माय स्टोरी। जिसने कहानी को पहले पढ़ा है वह भी इसे दोबारा पढ़ ले।
★★★
एजे यूनिवर्सिटी (काल्पनिक) का सुंदर सा गार्डन। जिसमें हर किस्म के फूलों के साथ साथ फव्वारे भी लगे हुए थे। संख्या में लगभग दस से पंद्रह स्टूडेंट का एक समूह बैठा हुआ था। हर एक के हाथों में एक ही किताब थी। जिसका कवर बेहद ही विचित्र सा था। सभी उन विचित्र किताबों में इतना ज्यादा खोए हुए थे कि उन्हे आस पास की सुध भी नही थी।
"तुम लोगों को पढ़ना लिखना तो है नही। उल्टा यहां आकर ना जाने कौन सा काम करने लग जाते हो?" उनके पास आते हुए एक लड़की ने पूछा। जो उन्हें बड़े ही विचित्र ढंग से घूर रही थी। लड़की की उम्र तकरीबन अट्ठारह साल थी। माथे पर पड़े हुए काले बालों की वजह से वह बेहद मासूम दिख रही थी। उसकी हल्की भूरी आंखों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह सम्मोहन की कला जानती हो। गार्डन में बैठे हुए बाकि के स्टूडेंट्स भी लड़की के हमउम्र थे।
"अरे यार तृष्णा! आँखें खोल कर देख हम सभी पढ़ रहे है।" वहां पर मौजूद एक लड़की ने बिना देखे ही जवाब दिया।
"वो तो दिख रहा है वारिजा। तुम सभी क्या पढ़ रहे हो और क्या नहीं?" इतना कहते हुए तृष्णा थोड़ा सा झुक गई और किताब पर लिखा हुआ शीर्षक देखने लगी। "ए स्टोरी गर्ल : फेक बट रियल।" उसने एक एक शब्द पर जोर देते हुए कहा और फिर आगे बोली। "कुछ भी! तुम लोग ये क्या बकवास पढ़ रहे हो? टाइटल में ही कोई सेंस नही है। ए स्टोरी गर्ल: फेक बट रियल। स्टोरी गर्ल तो वैसे भी फेक ही होती है।" उसने बेचारगी के भाव के साथ अपनी बात कही और फिर सीधी खड़ी हो गई।
"बस कर तृष्णा।" सभी ने एक साथ चिल्लाते हुए कहा। इतना सुनते ही तृष्णा सकते में आ गई और मन ही मन सोचने लगी। "ये लोग तो ऐसा रिएक्शन दे रहे है मानो मैने कोई पाप कर दिया हो।"
"कमाल के दोस्त तो तुम सभी। एक किताब के लिए मुझ पर चिल्ला रहे हो।" तृष्णा ने अपने दोनों हाथों को अपने कूल्हों पर रखा और फिर सभी को एक एक करके गौर से देखने लगी।
"तुम जानती ही क्या हो इस किताब के बारे में?" वहां पर मौजुद एक लड़के ने अपनी जगह से खड़े होते हुए पूछा। उसकी आवाज में चिढ़ और गुस्सा साफ झलक रहा था। वह लड़का चस्मे की वजह से एक नंबर का पढ़ाकू, शरीफ और मासूम सा लग रहा था।
“किताब में ऐसा क्या है जो तुम सभी इतनी प्यारी सी युनिवर्सिटी को छोड़ कर यहां पर बैठे हुए हो।” तृष्णा ने अपनी एक भौंह को तानते हुए पूछा।
"मर्डर...."
"फैंटसी....."
"साइंस फिक्शन....."
"एवर ग्रीन लव..."
सभी ने बारी बारी से जवाब दिया।
"और सस्पेंस। वो तो कूट कूट कर भरा हुआ है।" उस लड़के ने बड़े ही रहस्यमई अंदाज में बात पूरी की।
इतना सुनकर तृष्णा का दिमाग चक्करा गया। वह अपना सिर पकड़ते हुए बोली। "ये किस ग्रह के प्राणी है?"
"हैं....." इतना कहने के बाद सामने खड़ा लड़का बड़ा बेकार सा मुंह बनाते हुए बोला। "ये जेनर है,जेनर.।"
"जो भी हो।" तृष्णा ने लापरवाही के साथ अपनी बात कही और फिर आगे बोली। "कियांश! ये सब तुम्हारा किया धरा है ना?"
"मैंने क्या किया?" कियांश ने बड़ी ही मासूमियत के साथ पूछा।
तृष्णा आगे कुछ कह पाती उस से पहले ही वारिजा बीच में बोल पड़ी। "ऐसा कुछ भी नही है। हम सभी पहले से ही कहानियां पढ़ते आ रहे है। हमने ही कियाँश को ये किताब पढ़ने के लिए दी थी।" उसने खड़े होते हुए जवाब दिया। तीखे नैन नक्श वाली वारिजा को देख कर साफ पता चल रहा था कि वह फैशन की शौकीन थी।
"और पढ़े भी क्यों ना? लेखिका लिखती ही इतना मस्त है।" कियाँश ने मंत्रमुग्ध होते हुए अपनी बात कही।
"तुम सभी सीएस के स्टूडेंट्स हो। इन काल्पनिक कहानियों को पढ़कर कुछ भी नही मिलने वाला। कोडिंग की किताबें पढ़ोंगें तो लाइफ में कुछ बन जाओगे।" तृष्णा ने सभी को समझाते हुए कहा।
वह आगे कुछ कह पाती कियाँश उसे बीच में ही टोकते हुए बोला। "अगर कॉडिंग के टीचर्स भी किताबों को इतने इंटरस्टिंग तरीके से लिखे, मै तो एक ही दिन में सारी किताबें पढ़ डालूं।" उसने ख्याली पुलाव पकाते हुए कहा।
"इंटरस्टिंग ही लिखते है।" तृष्णा ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा।
"अगर ऐसा होता, तो हम सभी यहां पर बैठकर कहानियां ना पढ रहे होते उल्टा तुम्हारी तरह कोडिंग की किताबों में सिर खपा रहे होते।" वारिजा ने तृष्णा की बात का विरोध करते हुए कहा।
"मेरे हिसाब से ये दुनियां का सबसे बकवास और बोरिंग काम है। वैसे भी किस्से और कहानियों का हकीकत से कोई वास्ता नहीं होता।" तृष्णा ने खीझते हुए कहा। उसके कहने के तरीके में नफरत साफ झलक रही थी।
इतना सुनते ही वहां पर मौजुद एक लड़की आग बबूला होते हुए बोली। "तुम इतनी समझदार हो कर किसी काम के बारे में ऐसा कैसे कह सकती हो? लिखना कोई बच्चों का खेल नहीं है कि कोई भी लिख दे।"
"लिखना इतना मुश्किल काम भी नहीं है कि कोई भी ना लिख सकें। हर कोई लिख सकता है।" तृष्णा ने बेपरवाह होते हुए कहा और फिर आगे बोली। "वैसे भी आज के टाइम में कौन लिखता होगा?"
"बहुत लोग लिखते है तृष्णा।" कियाँश ने जवाब दिया।
"मूवी..." वह आगे कुछ कह पाता उस से पहले ही वारिजा बीच में बोल पड़ी। "इतना ही आसान है तो तुम भी लिख कर दिखाओ ना।"
"मैं क्यों इस बेकार से काम में अपना टाइम वेस्ट करूं? वैसे भी मेरे पास फालतु के कामों के लिए टाइम नही है।" इतना कह कर तृष्णा ने उसकी बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
"टाइम का बहाना क्यों कर रही हो? सीधा सीधा ये कहो ना की तुम लिख नही सकती।" वारिजा ने भड़काऊं तरीके से कहा।
"मै लिख सकती हूं और लिख कर भी दिखाऊंगी।" तृष्णा ने पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया। उसे इतने आत्मविश्वास में देख कियाँश वारिजा के कान में फुसफुसाते हुए बोला। "रहने दो यार। तुम तो तृष्णा को जानती ही हो।"
"ऐसे कैसे?" उसने दांत भींचते हुए कहा और फिर आगे बोली। "तो फिर लिख कर दिखाओ कुछ, कुछ ऐसा जो यूनीक हो और जिसे सब पसंद करे।"
"ठीक है, दिखा दूंगी।" तृष्णा ने सपाट भाव से जवाब दिया।
"तुम्हें भी पता चल जाएगा लिखना कितना मुश्किल काम है।" वारीजा उसे ऐसे ही छोड़ने वाली नही थी।
बाकि के स्टूडेंट्स उन तीनों की बहस बाजी सुन रहे थे। लड़ाई आगे बढ़ पाती उस से पहले कियाँश बीच बचाव करते हुए बोला। "आज पूरे दिन यहीं रहने का इरादा है? लेक्चर भी अटैंड करने है।" इतना सुनते ही बारी बारी से सभी स्टूडेंटस वहां से चले गए। सिवाए एक को छोड़कर वो थी तृष्णा।
"अब कुछ भी क्यों ना हो जाए। मै लिख कर ही दिखाऊँगी और मेरा पहला नॉवेल ही आग लगा देगा।" इतना कहते ही तृष्णा वहां से चली गई।
★★★
जारी रहेगी...मुझे मालूम है आप सभी समीक्षा कर सकते है बस एक बार कोशिश तो कीजिए 🤗❤️ आपकी लाइक्स की वजह से ही आपकी प्यारी लेखिका की इनकम होती है इसलिए लाइक्स करना ना भूले😊❤️
Arti khamborkar
19-Dec-2024 04:02 PM
v nice
Reply
hema mohril
25-Sep-2023 03:19 PM
Nice
Reply
shweta soni
30-Jul-2022 06:11 PM
बेहतरीन रचना 👌
Reply